जैसलमेर जिसे स्वर्ण नगरी (Golden City) भी कहा जाता है यह भारतीय राज्य राजस्थान का एक शहर है जो पश्चिमी दिशा में स्थित है। जैसलमेर से पाकिस्तान की सीमा लगती है। यह रेतीले धोरों के लिए काफी प्रसिद्ध जिला है इस कारण दुनिया भर से यहाँ अनगिनत लोग भ्रमण करने आते है। जैसलमेर का दुर्ग काफी लोकप्रिय दुर्ग है जिसे सोनार किले के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा जैसलमेर में कई प्राचीन हवेलियाँ भी है।
कैसे पहुंचे
सम्पादनहवाई यात्रा
सम्पादनजैसलमेर में अभी तक कोई हवाई अड्डा नहीं है इस कारण सबसे नजदीकी शहर जोधपुर तक कोई हवाई यात्रा करके फिर आगे जैसलमेर आ सकता है, जोधपुर हवाई अड्डा जो कि लगभग २८५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से बहुत सारी बसें भी है जो सीधे जैसलमेर छोड़ती हैं।
रेल द्वारा यात्रा
सम्पादनयहाँ पर सीधे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से रेल की सुविधा उपलब्ध है। दिल्ली-जैसलमेर एक्सप्रेस सालिमार एक्सप्रेस जो शाम ५:३० बजे निकलती है और अगली सुबह ११:३० के करीब जैसलमेर छोड़ देती है।
बस द्वारा यात्रा
सम्पादनकार द्वारा यात्रा
सम्पादनकुछ निजी ट्रेवल कंपनियाँ कार-टेक्सी की सुविधा भी देती हैं जो प्रति किलोमीटर या हर दिन के हिसाब से किराया वसूल करते हैं।
कहाँ से | दूरी |
---|---|
आगरा | ८०० |
अजमेर | ४४० |
बीकानेर | ३३० |
जयपुर | ५७० |
मुम्बई | ११४० |
दिल्ली | ८०० |
उदयपुर | ५७५ |
ऊंट से यात्रा
सम्पादनऊंट जिसे रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है , यहाँ इन सब के अलावा ऊंट के द्वारा भी यात्रा की जा सकती है। यहां रेतीली धोरों में जैसलमेर में ऊंट काफी प्रसिद्ध है साथ ही ऊंट की सवारी करने के लिए लोग विदेश भी आते रहते है।
शहर में घूमने हेतु
सम्पादनयहां जैसलमेर में छोटे-छोटे गाँवों में सभी तरह के मोटर साइकिल और साइकिलें भाड़े पर मिल जाती है, चूँकि नजदीकी लोग भाड़े पर दे देते है। इस प्रकार लोग भाड़े की साइकलों और मोटर साइकलों से शहर में घूमकर आनंद उठा सकते है।
दर्शनीय स्थल
सम्पादनजैसलमेर मुख्यतः अपने किले के लिए जाना जाता है किला जो सोनार किले के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह पीले पत्थरों से निर्मित है, सोनार यानी सोना होता है।
जैसलमेर में बहुत सारे दर्शनीय स्थल है जिसमें निम्नलिखित प्रमुख हैं :
- जैसलमेर दुर्ग
- गड़ीसर झील
- सम धोरे
इनके अलावा बहुत सारी प्राचीन हवेलियाँ भी है।
सम के धोरे
सम्पादनयहां पर अक्सर सर्दियों के दिनों में भारतीय तथा विदेशी लोगों की भीड़ जमी रहती है क्योंकि ये धोरे पुरे भारत में सबसे लोकप्रिय धोरे है यहाँ पर अनगिनत लोग भर्मण करने आते है।
कुलधरा गाँव
सम्पादनकुलधरा जो भूतिया या रहस्यमयी गाँव के नाम से जाना जाता है यह जैसलमेर से मात्र १७ किलोमीटर दूर स्थित है। इस गाँव के बारे में लोगों का कहना है कि यहाँ पर भूत निवास करते है इसलिए अब यहां पर कोई नहीं रहता है इस कारण अब यह एक जैसलमेर का लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है। यहाँ पर स्थलीय ही नहीं अपितु देश और विदेश से भी लोग आते रहते है।