सामग्री पर जाएँ

इटली

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
इटली गणराज्य
Repubblica Italiana
ध्वज चिन्ह
राष्ट्रगान: Il Canto degli Italiani
(इटालियन लोग का गान)
अवस्थिति: इटली
राजधानी
और सबसे बड़ा नगर
रोम
41°54′N 12°29′E / 41.900°N 12.483°E / 41.900; 12.483
राजभाषा(एँ) इतालवी
सरकार गणराज्य
 -  राष्ट्रपति सेर्जो मत्तरेल्ला
 -  प्रधानमंत्री जोर्जा मेलोनी
Formation
 -  एकीकरण 17 मार्च 1861 
 -  गणराज्य 2 जून 1946 
क्षेत्रफल
 -  कुल 3,01,230 km2 (71वाँ)
 -  जल (%) 2.4
जनसंख्या
 -  2006 जनगणना 6,85,94,283 (22वाँ)
 -  अक्टूबर 2001 जनगणना 5,71,10,144
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) 2006 प्राक्कलन
 -  कुल $1,645 अरब (7वीं)
 -  प्रति व्यक्ति $28,300 (21वीं)
मानव विकास सूचकांक (2003)0.934
बहुत उच्च · 18वाँ
मुद्रा यूरो (€)2 (EUR)
समय मण्डल CET (यू॰टी॰सी॰+1)
 -  ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) CEST (यू॰टी॰सी॰+2)
दूरभाष कूट 39
इंटरनेट टीएलडी .it
1 फ़्रांसीसी आओस्टा घाटी में सह-आधिकारिक है; जर्मन और लाडिन ट्रेंटिनो-साउथ टायरॉल में सह-आधिकारिक हैं; जर्मन, [[स्लोवेनियाई भाषा|स्लोवेनियाई]]
2 2002 से पहले: इतालवी लीरा

इटली (इतालवी: Italia), आधिकारिक रूप से इटली गणराज्य, दक्षिणी यूरोप का एक देश है।[1][2][3] यह भूमध्य सागर के मध्य में स्थित है, और इसका क्षेत्र काफ़ी हद तक इसी नाम के भौगोलिक क्षेत्र के साथ मेल खाता है। इताली को पश्चिमी यूरोप का भाग भी माना जाता है[4], और फ़्रांस, स्वित्सरलैंड, ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया और वैटिकन सिटी और सान मारिनो के अन्तःक्षेत्रीय लघुराज्यों के साथ भूमि सीमाएँ साझा करता है। इसका स्वित्सरलैंड, कैंपियोन में एक बहिःक्षेत्र है। इताली ६ करोड़[5] से अधिक की जनसंख्या के साथ 301,230 वर्ग किमी के क्षेत्र में विस्तृत है। यह यूरोपीय संघ का तृतीय सर्वाधिक जनसंख्या वाला सदस्य राज्य है, यूरोप का षष्ठ सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है, और भूमि क्षेत्र के हिसाब से महाद्वीप का दशम सबसे बड़ा देश है। इताली की राजधानी और सबसे बड़ा नगर रोम है।

लियरना से सेंटिएरो डेल वियांडांटे के रास्ते से कोमो झील का सबसे प्रतिष्ठित दृश्य, बेलाजियो की ओर

इतालवी प्रायद्वीप ऐतिहासिक रूप से कई प्राचीन जनजातियों का मूल स्थान और गन्तव्य था।[6] मध्य इताली में रोम का लातिन नगर, एक साम्राज्य के रूप में स्थापित, एक गणराज्य बन गया जिसने भूमध्यसागरीय विश्व पर विजय प्राप्त की और शताब्दियों तक एक साम्राज्य के रूप में शासन किया।[7][8] ईसाई धर्म के प्रसार के साथ, रोमन कैथोलिक चर्च और पोप का केन्द्र बन गया। प्रारम्भिक मध्य युग के दौरान, इताली ने पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन और जार्मनिक जनजातियों के आन्तरिक प्रवास का अनुभव किया। 11तम शताब्दी तक, इतालवी नगर-राज्यों और सामुद्रिक गणराज्यों का विस्तार हुआ, जिससे वाणिज्य के माध्यम से नई समृद्धि आई और आधुनिक पूंजीवाद हेतु आधार प्रस्तुत हुआ।[9][10] इतालीय पुनर्जागरण 15वीं और 16वीं शताब्दी के दौरान फ्लोरेंस में फला-फूला और यूरोप के बाकी भागों में फैल गया। इतालवी खोजकर्ताओं ने सुदूर पूर्व और नयी दुनिया हेतु नूतन मार्गों की भी खोज की, जिससे यूरोपीय खोज का युग के आरम्भ में मदद मिली। तथापि, अन्य कारकों के बीच इतालीय नगर-राज्यों के मध्य सदियों से चली आ रही अन्तर्द्वन्द्व और कलह ने प्रायोद्वीप को आधुनिक काल के अन्ततः कई राज्यों में खण्डित कर दिया।[11] 17तम और 18तम शताब्दी के दौरान, इतालीय आर्थिक और वाणिज्यिक महत्त्व काफी कम हो गया।[12]

सदियों के राजनीतिक और क्षेत्रीय विभाजनों के बाद, 1861 में स्वातन्त्र्य संग्राम और हजारों के अभियान के बाद इताली लगभग पूर्णतः एकीकृत हो गया, जिससे इतालीय साम्राज्य की स्थापना हुई।[13] 19तम शताब्दी के अन्त से लेकर 20तम शताब्दी के आरम्भ तक, इताली ने तेजी से औद्योगीकरण किया, मुख्यतः उत्तर में, और एक औपनिवेशिक साम्राज्य का अधिग्रहण किया[14], जबकि दक्षिण काफी हद तक दरिद्र रहा और औद्योगीकरण से बाहर रखा गया, जिससे एक बृहदाप्रवास को वृद्धि मिला। 1915 से 1918 तक, इताली ने एंटेंटे के पक्ष में और केन्द्रीय शक्तियों के विरुद्ध प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया। 1922 में, संकट और क्षोभ के दौर के बाद, इतालीय फ़ासीवाद तानाशाही की स्थापना हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, इताली प्रथम अक्ष शक्तियों का भाग था, जब तक कि उसने मित्रपक्ष शक्तियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं कर दिया (1940-1943) और उसके बाद, उसके क्षेत्र के भाग पर फासीवादी सहयोग से नात्सी जर्मनी ने कब्जा कर लिया, जो इतालीय प्रतिरोध और इतालीय मुक्ति (1943-1945) के दौरान मित्रपक्ष राष्ट्रों का सह-युद्धरत था। युद्ध की समाप्ति के बाद, देश ने जनमत संग्रह के माध्यम से राजशाही को एक गणतंत्र के साथ बदल दिया और एक प्रमुख विकसित देश बनकर दीर्घकालिक आर्थिक समृद्धि का आनन्द लिया।

इताली के पास विश्व का अष्टम-बृहत्तम प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद है, यूरोप में द्वितीय-बृहत्तम विनिर्माण उद्योग (विश्व में सप्तम-बृहत्तम) है।[15] क्षेत्रीय[16][17] और वैश्विक[18][19] आर्थिक, सैन्य, सांस्कृतिक और राजनयिक मामलों में देश की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इताली यूरोपीय संघ का संस्थापक और अग्रणी सदस्य है, और यह नाटो, जी७, भूमध्यसागरीय संघ, लातिन संघ और कई अन्य सहित कई अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों में है। कई आविष्कारों और खोजों का स्रोत, देश को एक सांस्कृतिक महाशक्ति माना जाता है और दीर्घकालिक कला, संगीत, साहित्य, व्यंजन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और फैशन का वैश्विक केन्द्र रहा है।[20] इसमें विश्व की सर्वाधिक संख्या में विश्व धरोहर स्थल (58) हैं, और यह विश्व का पंचम सर्वाधिक पर्यटित देश है।

इटली का उपग्रह द्वारा लिया गया चित्र।

इटली की मुख्य भूमि तीन तरफ़ (दक्षिण और सूर्यपारगमन की दोनों दिशाओं) से भूमध्य सागर द्वारा जलावृत है। इस प्रयद्वीप को इटली के नाम पर ही इटालियन (या इतालवी) प्रायद्वीप कहते हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ३,०१,००० वर्ग किलोमीटर है जो मध्यप्रदेशो के क्षेत्रफल से थोड़ा कम है। द्वीपों को मिलाकर इसकी तटरेखा कोई ७,६०० किलोमीटर लंबी है। उत्तर में इसकी सीमा फ्रांस (४८८ कि.मी.), ऑस्ट्रिया (४३० कि.मी.), स्लोवेनिया (२३२ कि.मी.) तथा स्विट्ज़रलैंड से लगती है। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो चारों तरफ़ से इटली से घिरे हुए हैं।

इटली की जलवायु मुख्यतः भूमध्यसागरीय है पर इसमें बहुत अधिक बदलाव पाया जाता है। उदाहरण के लिए ट्यूरिन, मिलान जैसे शहरों की जलवायु को महाद्वीपीय या आर्द्र महाद्वीपीय जलवायु की श्रेणी में रखा जा सकता है।

इटली यूरोप के दक्षिणवर्ती तीन बड़े प्रायद्वीपों में बीच का प्रायद्वीप है जो भूमध्यसागर के मध्य में स्थित है। प्रायद्वीप के पश्चिम, दक्षिण तथा पूर्व में क्रमश: तिरहेनियन, आयोनियन तथा ऐड्रियाटिक सागर हैं और उत्तर में आल्प्स पहाड़ की श्रैणियाँ फैली हुई हैं। सिसली, सार्डीनिया तथा कॉर्सिका (जो फ्रांस के अधिकार में हैं), ये तीन बड़े द्वीप तथा लिग्यूरियन सागर में स्थित अन्य टापुओं के समुदाय वस्तुत: इटली से संबद्ध हैं। प्रायद्वीप का आकार एक बड़े बूट (जूते) के समान है जो उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व को चौड़ाई 80 मील से 150 मील तक है। सुदूर दक्षिण में चौड़ाई 35 मील से 20 मील तक है।

प्राकृतिक दशा

[संपादित करें]

इटली पर्वतीय देश है जिसके उत्तर में आल्प्स पहाड़ तथा मध्य में रीढ़ की भाँति अपेनाइन पर्वत की श्रृंखलाएँ फैली हुई हैं। अपेनाइन पहाड़ जेलोआ तथा नीस नगरों के मध्य से प्रारंभ होकर दक्षिण पूर्व दिशा में एड्रियाटिक समुद्रतट तक चला गया है और मध्य तथा दक्षिणी इटली में रीढ़ की भाँति दक्षिण की तरफ फैला हुआ है।

प्राकृतिक भूरचना की दृष्टि से इटली निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है :

(1) आल्प्स की दक्षिणी ढाल, जो इटली के उत्तर में स्थित है।

(2) पो तथा वेनिस का मैदान, जो पो आदि नदियों की लाई हुई मिट्टी से बना है।

(3) इटली प्रायद्वीप का दक्षिणी भाग, जिसमें सिसली भी सम्मिलित है। इस संपूर्ण भाग में अपेनाइन पर्वतश्रेणी अतिप्रमुख हैं।

(4) सार्डीनिया, कॉर्सिका तथा अन्य द्वीपसमूह।

किंतु वनस्पति, जलवायु तथा प्राकृतिक दृष्टि से यह प्रायद्वीप तीन भागों में बाँटा जा सकता है-

1. उत्तरी इटली, 2. मध्य इटली तथा 3. दक्षिणी इटली।

उत्तरी इटली

[संपादित करें]

यह इटली का सबसे घना बसा हुआ मैदानी भाग है जो तुरीय काल में समुद्र था, बाद में नदियों की लाई हुई मिट्टी से बना। यह मैदान देश की 17 प्रतिशत भूमि घेरे हुए है जिसमें चावल, शहतूत तथा पशुओं के लिए चारा बहुतायत से पैदा होता है। उत्तर में आल्प्स पहाड़ की ढाल तथा पहाड़ियाँ हैं जिनपर चरागाह, जंगल तथा सीढ़ीनुमा खेत हैं। पर्वतीय भाग की प्राकृतिक शोभा कुछ झीलों तथा नदियों से बहुत बढ़ गई है। उत्तरी इटली का भौगोलिक वर्णन पो नदी के माध्यम ये ही किया जा सकता है। पो नदी एक पहाड़ी सोते के रूप में माउंट वीज़ो पहाड़ (ऊँचाई 6,000 फुट) से निकलकर 20 मील बहने के बाद सैलुजा के मैदान में प्रवेश करती है। सोसिया नदी के संगम से 337 मील तक इस नदी में नौपरिवहन होता है। समुद्र में गिरने के पहले नदी दो शाखाओं (पो डोल मेस्ट्रा तथा पो डि गोरो) में विभक्त हो जाती है। पो के मुहाने पर 20 मील चौड़ा डेल्टा है। नदी की कुल लंबाई 420 मील है तथा यह 29,000 वर्ग मील भूमि के जल की निकासी करती है। आल्प्स पहाड़ तथा अपेनाइंस से निकलनेवाली पो की मुख्य सहायक नदियाँ क्रमानुसार टिसिनो, अद्दा, ओगलियो और मिन्सिओ तथा टेनारो, टेविया, टारो, सेचिया और पनारो हैं। टाइबर (244 मील) तथा एड्रिज (220 मील) इटली की दूसरी तथा तीसरी सबसे बड़ी नदियाँ हैं। ये प्रारंभ में सँकरी तथा पहाड़ी हैं किंतु मैदानी भाग में इनका विस्तार बढ़ जाता है और बाढ़ आती है। ये सभी नदियाँ सिंचाई तथा विद्युत उत्पादन की दृष्टि से परम उपयोगी हैं, किंतु यातायात के लिए अनुपयुक्त। आल्प्स, अपेनाइंस तथा एड्रियाटिक सागर के मध्य में स्थित एक सँकरा समुद्रतटीय मैदान है। उत्तरी भाग में पर्वतीय ढालों पर मूल्यवान फल, जैसे जैतून, अंगूर तथा नारंगी बहुत पैदा होती है। उपजाऊ घाटी तथा मैदानों में घनी बस्ती है। इनमें अनेक गाँव तथा शहर बसे हुए हैं। अधिक ऊँचाइयों पर जंगल हैं।

मध्य इटली

[संपादित करें]

मध्य इटली के बीच में अपनाइंस पहाड़ उत्तर-उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में एड्रियाटिक समुद्रतट के समांतर फैला हुआ है। अपेनाइंस का सबसे ऊँचा भाग ग्रैनसासोडी इटैलिया (9,560 फुट) इसी भाग में है। यहाँ पर्वतश्रेणियों का जाल बिछा हुआ है, जिनमें अधिकांश नवंबर से मई तक बर्फ से ढकी रहती हैं। यहाँ पर कुछ विस्तृत, बहुत सुंदर तथा उपजाऊ घाटियाँ हैं, जैसे एटरनो की घाटी (2,380 फुट)। मध्य इटली की प्राकृतिक रचना के कारण यहाँ एक ओर अधिक ठंढा, उच्च पर्वतीय भाग है तथा दूसरी ओर गर्म तथा शीतोष्ण जलवायुवाली ढाल तथा घाटियाँ हैं। पश्चिमी ढाल एक पहाड़ी ऊबड़ खाबड़ भाग है। दक्षिण में टस्कनी तथा टाइबर के बीच का भाग ज्वालामुखी पहाड़ों की देन है, अत: यहाँ शंक्वाकार पहाड़ियाँ तथा झीलें हैं। इस पर्वतीय भाग तथा समुद्र के बीच में काली मिट्टीवाला एक उपजाऊ मैदानी भाग है जिसे कांपान्या कहते हैं। मध्य इटली के पूर्वी तट की तरफ श्रेणियाँ समुद्र के बहुत निकट तक फैली हुई हैं, अत: एड्रियाटिक सागर में गिरनेवाली नदियों का महत्त्व बहुत कम है। यह विषम भाग फलों के उद्यानों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ जैतून तथा अंगूर की खेती होती है। यहाँ बड़े शहरों तथा बड़े गाँवों का अभाव है; अधिकांश लोग छोटे-छोटे कस्बों तथा गाँवों में रहते हैं। खनिज संपत्ति के अभाव के कारण यह भाग औद्योगिक विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। फुसिनस, ट्रेसिमेनो तथा चिडसी यहाँ की प्रसिद्ध झीलें हैं। पश्चिमी भाग की झीलें ज्वालामुखी पहाड़ों की देन हैं।

दक्षिणी इटली

[संपादित करें]

यह संपूर्ण भाग पहाड़ी है जिसके बीच में अपेनाइंस रीढ़ की भाँति फैला हुआ है तथा दोनों ओर नीची पहाड़ियाँ हैं। इस भाग की औसत चौड़ाई 50 मील से लेकर 60 मील तक है। पश्चिमी तट पर एक सँकरा "तेरा डी लेवोरो" नाम का तथा पूर्व में आपूलिया का चौड़ा मैदान है। इन दो मैदानों के अतिरिक्त सारा भाग पहाड़ी है और अपेनाइंस की ऊँची नीची श्रंखलाओं से ढका हुआ है। पोटेंजा की पहाड़ी दक्षिणी इटली की अंतिम सबसे ऊँची पहाड़ी (पोलिनो की पहाड़ी) से मिलती है। सुदूर दक्षिण में ग्रेनाइट तथा चूने के पत्थर की, जंगलों से ढकी हुई पहाड़ियाँ तट तक चली गई हैं। लीरी तथा गेटा आदि एड्रियाटिक सागर में गिरनेवाली नदियाँ पश्चिमी ढाल पर बहनेवाली नदियों से अधिक लंबी हैं। ड्रिनगो से दक्षिण की ओर गिरनेवाली विफरनो, फोरटोरे, सेरवारो, आंटों तथा ब्रैडानो मुख्य नदियाँ हैं। दक्षिणी इटली में पहाड़ों के बीच स्थित लैगोडेल-मोटेसी झील है।

इटली के समीप स्थित सिसली, सार्डीनिया तथा कॉर्सिका के अतिरिक्त एल्वा, कैप्रिया, गारगोना, पायनोसा, मांटीक्रिस्टो, जिग्लिको आदि मुख्य मुख्य द्वीप हैं। इन द्वीपों में इस्चिया, प्रोसिदा तथा पोंजा, जो नेपुल्स की खाड़ी के पास हैं, ज्वालामुखी पहाड़ों की देन हैं। एड्रियाटिक तट पर केवल ड्रिमिटी द्वीप है।

जलवायु तथा वनस्पति

[संपादित करें]

देश की प्राकृतिक रचना, अक्षांशीय विस्तार (10 डिग्री 29 मिनट) तथा भूमध्यसागरीय स्थिति ही जलवायु की प्रधान नियामक है। तीन ओर समुद्र तथा उत्तर में उच्च आल्प्स से घिरे होने के कारण यहाँ की जलवायु की विविधता पर्याप्त बढ़ जाती है। यूरोप के सबसे अधिक गर्म देश इटली में जाड़े में अपेक्षाकृत अधिक गर्मी तथा गर्मी में साधारण गर्मी पड़ती है। यह प्रभाव समुद्र से दूरी बढ़ने पर घटता है। आल्प्स के कारण यहाँ उत्तरी ठंढी हवाओं का प्रभाव नहीं पड़ता है। किंतु पूर्वी भाग में ठंढी तथा तेज बोरा नामक हवाएँ चला करती हैं। अपेनाइंस पहाड़ के कारण अंध महासागर से आनेवाली हवाओं का प्रभाव तिर हीनियन समुद्रतट तक ही सीमित रहता है।

उत्तरी तथा दक्षिणी इटली के ताप में पर्याप्त अंतर पाया जाता है। ताप का उतार चढ़ाव 52 डिग्री फा. से 66 डिग्री फा. तक होता है। दिसंबर तथा जनवरी सबसे अधिक ठंढे तथा जुलाई और अगस्त सबसे अधिक गर्म महीने हैं। पो नदी के मैदन का औसत ताप 55 डिग्री फा. तथा 500 मील दूर स्थित सिसली का औसत ताप 64 डिग्री फा. है। उत्तर के आल्प्स के पहाड़ी क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 80फ़फ़ होती है। अपेनाइंस के ऊँचे पश्चिमी भाग में भी पर्याप्त वर्षा होती है। पूर्वी लोंबार्डी के दक्षिण पश्चिमी भाग में वार्षिक वर्षा 24फ़फ़ होती है, किंतु उत्तरी भाग में उसका औसत 50फ़फ़ होता है तथा गर्मी शुष्क रहती है। आल्प्स के मध्यवर्ती भाग में गर्मी में वर्षा होती है तथा जाड़े में बर्फ गिरती है। पो नदी की द्रोणी में गर्मी में अधिक वर्षा होती है। स्थानीय कारणों के अतिरिक्त इटली की जलवायु भूमध्यसागरीय है जहाँ जाड़े में वर्षा होती है तथा गर्मी शुष्क रहती है।

जलवायु की विषमता के कारण यहाँ की बनस्पतियाँ भी एक सी नहीं हैं। मनुष्य के सतत प्रयत्नों से प्राकृतिक वनस्पतियाँ केवल उच्च पहाड़ों पर ही देखने को मिलती हैं। जहाँ नुकीली पत्तीवाले जंगल पाए जाते हैं। इनमें सरो, देवदारु, चीड़ तथा फर के वृक्ष मुख्य हैं। उत्तर के पर्वतीय ठंढे भागों में अधिक ठंडक सहन करनेवाले पौधे पाए जाते हैं। तटीय तथा अन्य निचले मैदानों में जैतून, नारंगी, नीबू आदि फलों के उद्यान लगे हुए हैं। मध्य इटली में अपेनाइंस पर्वत की ऊँची श्रेणियों को छोड़कर प्राकृतिक वनस्पति अन्यत्र नहीं है। यहाँ जैतून तथा अंगूर की खेती होती है। दक्षिणी इटली में तिरहीनियन तटपर जैतून, नारंगी, नीबू, शहतूत, अंजीर आदि फलों के उद्यान हैं। इस भाग में कंदों से उगाए जानेवाले फूल भी होते हैं। यहाँ ऊँचाई पर तथा सदाबहार जंगल पाए जाते हैं। अत: यह स्पष्ट है कि पूरे इटली को आधुनिक किसानों ने फलों, तरकारियों तथा अन्य फसलों से भर दिया है, केवल पहाड़ों पर ही जंगली पेड़ तथा झाड़ियाँ पाई जाती हैं।

इटली वासियों का सबसे बड़ा व्यवसाय खेती है। संपूर्ण जनसंख्या का भाग खेती से ही अपनी जीविका प्राप्त करता है। जलवायु तथा प्राकृतिक दशा की विभिन्नता के कारण इस छोटे से देश में यूरोप में पैदा होनेवाली सारी चीजें पर्याप्त मात्रा में पैदा होती हैं, अर्थात् राई से लेकर चावल तक, सेब से लेकर नारंगी तक तथा अलसी से लेकर कपास तक। संपूर्ण देश में लगभग 7,05,00,000 एकड़ भूमि उपजाऊ है, जिसमें 1,83,74,000 एकड़ में अन्न, 28,62,000 एकड़ में दाल आदि फसलें, 7,72,000 एकड़ में औद्योगिक फसलें, 14,90,000 एकड़ में तरकारियाँ, 23,86,000 एकड़ में अंगूर, 20,33,000 एकड़ में जैतून, 2,19,000 एकड़ में चरागाह और चारे की फसलें तथा 1,44,58,000 एकड़ में जंगल पाए जाते हैं। यहाँ की खेती प्राचीन ढंग से ही होती है। पहाड़ी भूमि होने के कारण आधुनिक यंत्रों का प्रयोग नहीं हो सका है।

जनसंख्या : पूर्व ऐतिहासिक काल में यहाँ की जनसंख्या बहुत कम थी। जनवृद्धि का अनुपात द्वितीय विश्वयुद्ध के पहले पर्याप्त ऊँचा था (1931 ई. में वार्षिक वृद्धि 0.87 प्रति शत थी)।

पर्वतीय भूमि तथा सीमित औद्योगिक विकास के कारण जनसंख्या का घनत्व अन्य यूरोपिय देशों की अपेक्षा बहुत कम है। अधिकांश लोग गाँवों में रहते हैं। देश में 50,000 से ऊपर जनसंख्यावाले नगरों की संख्या 70 है। यहाँ अधिकांश लोग रोमन कैथोलिक धर्म माननेवाले हैं। 1931 ई. की जनगणना के अनुसार 99.6 प्रतिशत लोग कैथोलिक थे, 0.34 प्रतिशत लोग दूसरे धर्म के थे तथा। 06 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिनका कोई विशेष धर्म नहीं था। शिक्षा तथा कला की दृष्टि से इटली प्राचीन काल से अग्रणी रहा है। रोम की सभ्यता तथा कला इतिहासकाल में अपनी चरम सीमा तक पहुँच गई थी (द्र. "रोम")। यहाँ के कलाकार और चित्रकार विश्वविख्यात थे। आज भी यहाँ शिक्षा का स्तर बहुत ऊँचा है। निरक्षरता नाम मात्र की भी नहीं है। देश में 70 दैनिक पत्र प्रकाशित होते हैं। छविगृहों की संख्या लगभग 9,770 है (1969 ई.)।

खनिज तथा उद्योग धंधे

[संपादित करें]

इटली में खनिज पदार्थ अपर्याप्त हैं, केवल पारा ही यहाँ से निर्यात किया जाता है। यहाँ सिसली (काल्टानिसेटा), टस्कनी (अरेंजो, फ्लोरेंस तथा ग्रासेटो), सार्डीनिया (कैगलिआरी, ससारी तथा इंग्लेसियास) एवं पिडमांट क्षेत्रों में ही खनिज तथा औद्योगिक विकास भली भाँति हुआ है।

देश का प्रमुख उद्योग कपड़ा बनाने का है। यहाँ 1969 ई. में सूती कपड़े बनाने के 945 कारखाने थे। रेशम का व्यवसाय पूरे इटली में होता है, किंतु लोंबार्डी, पिडमांट तथा वेनेशिया मुख्य सिल्क उत्पादक क्षेत्र हैं। 1969 में गृहउद्योग को छोड़कर रेशमी कपड़े बनाने के 24 तथा ऊनी कपड़े बनाने के 348 कारखाने थे। रासायनिक वस्तु बनाने के तथा चीनी बनाने के भी पर्याप्त कारखाने हैं। देश में मोटर, मोटर साइकिल तथा साइकिल बनाने का बहुत बड़ा उद्योग है। 1969 ई. में 15,95,951 मोटरें बनाई गई थीं जिनमें से 6,30,076 मोटरें निर्यात की गई थीं। अन्य मशीनें तथा औजार बनाने के भी बहुत से कारखाने हैं। जलविद्युत् पैदा करने का बहुत बड़ा धंधा यहाँ होता है। यहाँ 15,88,031 कारखाने हैं, जिनमें 68,00,673 व्यक्ति काम करते हैं। इटली का व्यापारिक संबंध यूरोप के सभी देशों से तथा अर्जेंटीना, संयुक्त राज्य (अमरीका) एवं कैनाडा से है। मुख्य आयात की वस्तुएँ कपास, ऊन, कोयला और रासायनिक पदार्थ हैं तथा निर्यात की वस्तुएँ फल, सूत, कपड़े, मशीनें, मोटर, मोटरसाइकिल एवं रासायनिक पदार्थ हैं। इटली का आयात निर्यात से अधिक होता है।

संपूर्ण देश 19 क्षेत्रों तथा 92 प्रांतों में बँटा हुआ है। 19वीं शताब्दी के मध्य से नगरों की संख्या काफी बढ़ी है। अत: प्रांतीय राजधानियों का महत्त्व बढ़ा तथा लोगों का झुकाव नगरों की तरफ हुआ। देश में एक लाख के ऊपर जनसंख्या के कुल 26 नगर हैं। सन् 1969 में 5,00,000 से अधिक जनसंख्या के नगर रोम (इटली की राजधानी, जनसंख्या 27,31,397), मिलान (17,01,612), नेपुल्स (12,76,854), तूरिन (11,77,039) तथा जेनेवा (8,41,841) हैं।

संस्कृति

[संपादित करें]

विश्व में सर्वाधिक विश्व धरोहर स्थल इटली में हैं।

इटली के नगर: टोरीनो बर्गमो वेनिस रवेन्ना बारी रोमा सियेना फ्लोरेन्स पीसा नापोलि पाम्पे सोरेन्टो पलेर्मो मिलानो ट्रिएस्ट वेरोना जेनोआ ब्रिंडिसि आदि हैं। Annu

यह भी देखिए

[संपादित करें]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "Italy", The World Factbook (अंग्रेज़ी में), Central Intelligence Agency, 2022-12-28, अभिगमन तिथि 2022-12-30
  2. "UNSD — Methodology". unstats.un.org. अभिगमन तिथि 2022-12-30.
  3. "Italy | Facts, Geography, History, Flag, Maps, & Population | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-12-30.
  4. "Department for General Assembly and Conference Management |". www.un.org. अभिगमन तिथि 2022-12-30.
  5. "Italy Population 2022 (Live)". worldpopulationreview.com. अभिगमन तिथि 2022-12-30.
  6. Waldman, Carl; Mason, Catherine (2006). Encyclopedia of European Peoples (अंग्रेज़ी में). Infobase Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4381-2918-1.
  7. "The History of Rome (Mommsen)", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2023-11-23, अभिगमन तिथि 2023-12-05
  8. J. F. Lazenby (1998). Hannibal's war. Internet Archive. University of Oklahoma Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8061-3004-0.
  9. "Wayback Machine" (PDF). web.archive.org. मूल (PDF) से 7 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-12-05.
  10. "Italian Trade Cities | Western Civilization". courses.lumenlearning.com. अभिगमन तिथि 2023-12-05.
  11. Accetturo, Antonio; Mocetti, Sauro (2019-07-01). "Historical Origins and Developments of Italian Cities". Italian Economic Journal (अंग्रेज़ी में). 5 (2): 205–222. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 2199-3238. डीओआइ:10.1007/s40797-019-00097-w.
  12. Bouchard, N.; Ferme, V. (2013-09-04). Italy and the Mediterranean: Words, Sounds, and Images of the Post-Cold War Era (अंग्रेज़ी में). Springer. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-137-34346-8.
  13. "Unification of Italy". web.archive.org. 2009-03-07. मूल से 7 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-12-05.
  14. "The Italian Colonial Empire - All Empires". web.archive.org. 2012-02-24. मूल से पुरालेखित 24 फ़रवरी 2012. अभिगमन तिथि 2023-12-05.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  15. "Manufacturing by Country 2023". worldpopulationreview.com. अभिगमन तिथि 2023-12-05.
  16. Gabriele Abbondanza, Italy as a Regional Power: the African Context from National Unification to the Present Day (Rome: Aracne, 2016)
  17. "Operation Alba", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2023-10-27, अभिगमन तिथि 2023-12-05
  18. Carment, David; Hampson, Fen Osler; Hillmer, Norman (2005). Canada Among Nations, 2004: Setting Priorities Straight (अंग्रेज़ी में). McGill-Queen's Press - MQUP. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7735-2836-9.
  19. Sterio, Milena (2013). The Right to Self-determination Under International Law: "selfistans", Secession and the Rule of the Great Powers (अंग्रेज़ी में). Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-415-66818-7.
  20. "CHAPTER VI". web.archive.org. 2012-09-22. मूल से 22 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-12-05.

आक्स्फ़र्ड ऐट्लस


बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]
  翻译: