अभिषेक त्यागी: महिंद्रा Arjun 605 DI के साथ नई ऊंचाइयों की ओर, बिजनौर के किसान की प्रेरणादायक कहानी!

अभिषेक त्यागी: महिंद्रा Arjun 605 DI के साथ नई ऊंचाइयों की ओर, बिजनौर के किसान की प्रेरणादायक कहानी!

कृषि संवाद (Krishi Samvad) में आपका स्वागत है। कृषि क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख खबरों पर यहां एक सरसरी नजर डालें... कृषि क्षेत्र से जुड़ी और भी खबरों के लिए हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें।

अभिषेक त्यागी: महिंद्रा Arjun 605 DI के साथ नई ऊंचाइयों की ओर, बिजनौर के किसान की प्रेरणादायक कहानी!

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिसे के निवासी अभिषेक त्यागी ने खेती को न केवल अपनी आजीविका का जरिया बनाया, ब्लकि इसे एक ऐसी प्रेरणा दी जो अन्य किसानों को नई तकनीकें अपनाने और अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है. अलिषेक की सफलता में उनकी मेहनत, दूरदर्शिता और महिंद्रा Arjun 605 DI ट्रैक्टर का बड़ा योगदान है, जिसने उनकी खेती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

योगेश भूतड़ा: गौ पालन और महिंद्रा ट्रैक्टर से सफलता की कहानी- पनवेल का किसान जिसने सपनों को किया साकार

पनवेल के निवासी योगेश भूतड़ा की कहानी प्रेरणा, कड़ी मेहनत और सही निर्णयों की मिसाल है. 2019 में, उन्होंने सिर्फ आठ गायों से गौ पालन का व्यवसाय शुरू किया. आज, उनकी गौशाला में 100 से अधिक देसी गायें हैं, और उनका टर्नओवर एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत और उनके साथी महिंद्रा ट्रैक्टर बड़ा योगदान है.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

जैविक और जीरो बजट खेती: कृषि रसायनों के दुष्प्रभावों से निजात की दिशा में नया कदम!

भारत में बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराने की चुनौती को ध्यान में रखते हुए, कृषि रसायनों के संतुलित उपयोग का आरंभ किया गया था. यह माना गया कि कृषि रसायनों का उपयोग अत्यंत आवश्यकता होने पर ही किया जाए, वह भी सीमित मात्रा में. लेकिन समय के साथ, इन रसायनों का अंधाधुंध उपयोग होने लगा, जिससे खेती विषैली हो गई. इसके परिणामस्वरूप, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का प्रकोप बढ़ा. मृदा, जल और फसलों में विषाक्तता के कारण समाज के हर वर्ग में कृषि रसायनों के प्रति आक्रोश पनप रहा है. इसी बीच, जैविक खेती और जीरो बजट खेती (प्राकृतिक खेती) की ओर एक नई चेतना उभर रही है. यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

बैंक की नौकरी छोड़ शुरू की बागवानी, किसान योगेश रघुवंशी प्रति एकड़ कमा रहे 4 लाख का मुनाफा

मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के डुंगासरा गांव के 38 वर्षीय योगेश रघुवंशी आज एक सफल किसान और बागवानी विशेषज्ञ के रूप में पहचाने जाते हैं. एमबीए और बैंकिंग का करियर छोड़कर उन्होंने खेती में अपने पैतृक जड़ों की ओर लौटने का साहसिक कदम उठाया. टिकाऊ खेती और अभिनव तकनीकों के माध्यम से उन्होंने प्रति एकड़ 4 लाख रुपये का मुनाफा कमाकर न केवल आर्थिक सफलता पाई, बल्कि कृषि में नए आयाम भी स्थापित किए. प्रगतिशील किसान योगेश रघुवंशी कृषि तकनीकों का उपयोग करके 50 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं और टिकाऊ कृषि में अपना अहम योगदान दे रहे हैं.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

खेतों से बगीचों तक सभी उत्पादकों के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन, जानें इसे जुड़ी सभी जानकारी

एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) एक सस्ती, पर्यावरण-अनुकूल और व्यापक दृष्टिकोण है, जिसका उद्देश्य कीटों की संख्या को 'आर्थिक क्षति सीमा' (Economic Injury Level, EIL) से नीचे बनाए रखना है. यह प्रबंधन विधियों के तालमेल और प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग करता है. रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग अंतिम उपाय के रूप में किया जाता है, जब अन्य उपाय विफल हो जाते हैं.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

To view or add a comment, sign in

More articles by Krishi Jagran

Explore topics