कहानी सुहानी चौहान की, जिन्होनें विकसित किया ग्रीन ट्रैक्टर।
कृषि क्षेत्र में लगातार बढ़ती तकनीकों से किसानों को काफी आसानी होती हैं, वरना बिना तकनीक के खेती में काफी नुकसान सहना पड़ता हैं। खेती में प्रयोग होने वाले व्हीकल्स में ट्रैक्टर बहुत काम का होता है, यह खेती में बहुत सारे कार्य पूरे करने के काम आता हैं जैसे की बीज की बुआई, जुताई, ट्रांसपोर्ट और अन्य कार्य।
आज एक हम एक ऐसे ही तकनीक की मदद से बनाया गया ट्रैक्टर के बारे में जानेंगे, जो की एक 11वीं कक्षा में पड़ने वाली छात्रा सुहानी चौहान द्वारा विकसित किया गया हैं। वह दिल्ली से हैं और उन्होंने अपने इस व्हीकल को ग्रीन ट्रैक्टर नाम दिया हैं। यह व्हीकल किसानों के लिए काफी मददगार साबित होगा, इससे उनका समय बचेगा और मुनाफे में भी इजाफा होगा।
इस आविष्कार के लिए उन्हें पीएम बाल पुरस्कार 2024 भी प्राप्त हुआ हैं। यह पुरस्कार अच्छी योग्यता और उत्कृष्ट उपलब्धियों वाले बच्चों को दिया जाता हैं । यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर का होता हैं और इसमें 5 से 18 वर्ष के आयु के बच्चो को बहादुरी, कला, संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और खेल जैसे क्षेत्रों में अच्छा करने पर पुरस्कृत किया जाता हैं। इसके विजेता को पदक, प्रमाण पत्र और एक प्रशस्ति पुस्तिका प्रदान करी जाती हैं।
कौन है सुहानी चौहान ?
वह दिल्ली में रहती हैं और एमिटी इंटरनैशनल स्कूल की छात्रा हैं। उनके द्वारा बनाए गए ग्रीन ट्रैक्टर के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार दिया गया हैं। सुहानी ने किसानों की समस्या समझी की कैसे उन्हे बीज बोने में, सिंचाई में और अन्य कृषि कार्यों में कठिनाई होती हैं, इसलिए उन्होंने एक ऐसा व्हीकल बनाने की सोची जो किसानों का काम सरल कर सकें और उनको ज्यादा खर्चा भी न आएं। इस व्हीकल को बनाने में उन्हे 3 साल का समय लगा हैं।
सुहानी को यह ट्रैक्टर बनाने की प्रेरणा तब मिली जब वह एक बार स्कूल की तरफ से मानेसर के फार्म पर गई और वहां उन्होंने किसानों की समस्या देखी और उनकी कड़ी मेहनत को ध्यान से देखा और जाना।
वैसे तो सुहानी साइंस स्ट्रीम से हैं मगर वह कृषि के क्षेत्र में आकर किसानों के साथ काम करना चाहती हैं जिससे की कृषि व्यवस्था में सुधार आ सके। उन्होंने यह व्हीकल एमिटी यूनिवर्सिटी के इनक्यूबेशन सेंटर में बनाया हैं।
क्या हैं उनका व्हीकल ग्रीन ट्रैक्टर ?
इस व्हीकल का नाम सुहानी ने एसओ– एपीटी रखा हैं जो चार पहिए की गाड़ी है और पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलती हैं। यह कृषि से जुड़े कार्य जैसे की बीज की बुवाई, सिंचाई और अन्य कार्य करने में सक्षम हैं। यह व्हीकल जीरो कार्बन एमिशन कॉन्सेप्ट पर आधारित है मतलब की यह बिलकुल भी कार्बन गैस नहीं छोड़ती हैं। इसीलिए इसे ग्रीन ट्रैक्टर भी कहा जा रहा हैं। यह किसानों के फायदे के साथ साथ पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाएगा क्योंकि इसमें कोई भी फ्यूल नहीं जलेगा।
वर्तमान में जो ट्रैक्टर हैं उनकी कीमत 6 से 12 लाख रुपए होती हैं, जबकि सुहानी के ग्रीन ट्रैक्टर की कीमत मात्र 3 लाख रुपए हैं, जिससे किसानो को वित्तीय समस्या भी नहीं आयेगी।
ग्रीन ट्रैक्टर की खासियत :
इस व्हीकल में कृषि से जुड़े अधिकतर टूल्स लगे हुएं हैं और वह जरूरत के हिसाब से व्हीकल से निकल भी सकते हैं। इस व्हीकल में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता हैं जिससे ईंधन का खर्चा बच जाता हैं और किसानों के मुनाफे में इजाफा हो सकता हैं। इसको इस तरीके से डिजाइन किया गया हैं की यह किसानों के लिए चलाने में सरल हो।
एक सौर ऊर्जा से चलने वाला यह ग्रीन ट्रैक्टर, सुहानी चौहान द्वारा निर्मित कृषि में नई क्रांति लाने के लिए उपयुक्त साबित हो सकता हैं। यह लागत को कम करेगा जिससे किसान ज्यादा पैसा फसल को बीमारियों से बचाने में लगा सकते है, जिससे उनकी पैदावार बढ़ेगी और उनका मुनाफा भी अच्छा होगा।
इससे देश की उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी और हम आत्मनिर्भर भारत बनने के लक्ष्य में एक कदम और आगे बढ़ पाएंगे। सौर ऊर्जा से चलने के कारण यह पर्यावरण सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी एक उपयुक्त व्हीकल हैं जैसा की आजकल बिजली से चलने वाले व्हीकल भी काफ़ी प्रसिद्ध हो रहे हैं।