मातृ पोषण: माँ और बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव

मातृ पोषण: माँ और बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव

 

कुपोषित माताएँ कुपोषित बच्चों को जन्म देती हैं। ये बच्चे बड़े होकर न केवल कुपोषित वयस्क बनते हैं, बल्कि अगली पीढ़ी में कुपोषण का खतरा भी बढ़ाते हैं। यह दुष्चक्र असमानताओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक और भी गहरा बना देता है।

हालांकि, इस स्थिति को बदला जा सकता है। सही रणनीतियों और समझदारी से किए गए निवेश के जरिए इस दुष्चक्र को तोड़कर इसे एक सकारात्मक चक्र में बदला जा सकता है, जो न केवल परिवारों और समुदायों को, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सशक्त बना सके।

  गर्भावस्था और प्रसवोत्तर अवधि में मातृ पोषण का सीधा संबंध माँ और बच्चे के स्वास्थ्य से होता है। इस दौरान पोषण की कमी से माँ और शिशु दोनों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान पोषण की भूमिका, इसके प्रभाव, और इससे जुड़े सामाजिक और आर्थिक कारकों पर चर्चा करेंगे।

मातृ पोषण की कमी के प्रभाव

गर्भावस्था में कुपोषण कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। विशेष रूप से, मातृ एनीमिया (खून की कमी) एक आम समस्या है, जो गंभीर स्थिति में मातृ मृत्यु का खतरा बढ़ा देती है (Brabin et al., 2001)। इसके अलावा:

  • 12% शिशु कम वजन के साथ पैदा होते हैं।
  • 19% बच्चों का समय से पहले जन्म होता है।
  • 18% प्रसवकालीन मृत्यु होती है (Rahman et al., 2016)।

साक्ष्य यह भी बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान माँ का पोषण बच्चे की लंबाई और विकास को प्रभावित करता है। दक्षिण एशिया में, मातृ पोषण की कमी से बच्चे में स्टंटिंग (लंबाई कम रह जाना) की समस्या होती है, जिसके प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी जारी रह सकते हैं (Kim et al., 2017; Christian et al., 2013)।

मातृ पोषण और दीर्घकालिक परिणाम

एक अध्ययन से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान माताओं द्वारा प्रसव पूर्व देखभाल (Prenatal Care) का उपयोग बच्चों के विकास और शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव डालता है:

  • 24 महीने की उम्र में बच्चों की ऊंचाई के लिए यह महत्वपूर्ण है।
  • स्कूल में बच्चों के प्राप्त ग्रेड पर भी इसका असर पड़ता है (Liu et al., 2017)।

अधिक पोषण के खतरे

पोषण की कमी जितनी हानिकारक है, उतना ही अधिक पोषण भी माँ और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।

  • माताओं में अत्यधिक वजन के कारण रक्तस्राव (Haemorrhage) और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes) और बच्चे का उच्च जन्म वजन (Macrosomia) होने का खतरा बढ़ जाता है (Black et al., 2013)।

 मातृ कुपोषण के अंतर्निहित कारण

मातृ कुपोषण के पीछे कई कारक काम करते हैं:

  1. महिलाओं की अपर्याप्त देखभाल: महिलाओं की स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों को प्राथमिकता नहीं दी जाती।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच: ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है।
  3. घरेलू खाद्य असुरक्षा: कई परिवारों को पर्याप्त और पोषक भोजन नहीं मिल पाता।

इन कारकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियाँ प्रभावित करती हैं। विभिन्न देशों में इन कारकों का प्रभाव अलग-अलग हो सकता है (UNICEF, 2013)।

 मातृ पोषण सुधारने के लिए समाधान

  1. स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना: महिलाओं को संतुलित आहार, पोषण के महत्व और प्रसव पूर्व देखभाल के लाभों के बारे में शिक्षित करना।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाना: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाना।
  3. पोषण कार्यक्रम: सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा पोषण संबंधी योजनाएँ और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम लागू करना।
  4. सामाजिक समर्थन: महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए परिवार और समुदाय को प्रोत्साहित कर
  5. व्यवहार परिवर्तन और सामाजिक मानदंड परिवर्तन ऐसी रणनीतियाँ हैं जो स्वास्थ्य, पोषण और समग्र कल्याण को प्रभावित करने वाले गहरे जड़ वाले व्यवहारों और सामाजिक प्रथाओं को संबोधित करती हैं। यदि इन्हें प्रभावी रूप से लागू किया जाए, तो ये रणनीतियाँ व्यक्तिगत निर्णयों और सामुदायिक प्रथाओं में स्थायी सुधार ला सकती हैं

निष्कर्ष

मातृ पोषण माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कुपोषण से निपटने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता और सामाजिक समर्थन अनिवार्य हैं। पोषण में सुधार से न केवल माँ और बच्चे का स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि इससे समाज के संपूर्ण विकास को भी गति मिलती है।

"एक स्वस्थ माँ ही एक स्वस्थ परिवार और सशक्त समाज की नींव रख सकती है। आइए, मातृ पोषण को प्राथमिकता देकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण करें।"

 

 

Anubhav Garg

Public Health I Early Childhood Development I Innovative Maternal And Child Health Solutions Designed For Scale I Data-Backed Decision Making I Nurturing care I Early learning I Building Scalable Model

1mo

Very Nice

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MURAD ALI

Learning and Development Professional @Scale I LMS & Instructional designer I Learning Ecosystem Development I 25 year experience in development sector

1mo

Very informative

Nikhil Sahu

Development Professional - Watershed - Odisha II MP - DFID PACS - Livelihood - Bonded Labour II MP - NHM - MCHN+A II CG - Azim Premji Foundation - Forest Right II CG - SRLM - Gender Equity & Women Empowerment

1mo

Excellent ...💐

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